विश्व फेसम बनने का कारण: यमुना इंटरनेशनल फिल्म सिटी की यह विशेषताएं

Estimated read time 1 min read

नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रोजेक्ट “यमुना फिल्म सिटी” को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाने की कड़ी मेहनत शुरू हो गई है। इस परियोजना के तहत यमुना फिल्म सिटी को “विश्व फेसम फिल्म सिटी” में बदलने का निर्णय लिया गया है। इसमें कुछ विशेष सेट्स का निर्माण किया जा रहा है, जिसके कारण इसे एक अनूठी फिल्म सिटी बनाया जा सकेगा। प्रथम चरण के विकास कार्यों को तीन वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा, और इस “विश्व फेसम” फिल्म सिटी को सात जोनों में विभाजित किया जाएगा।

यमुना अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी का विकास यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के पीपीपी मॉडल पर हो रहा है। तकनीकी और वित्तीय बोलियों के बाद, निर्माता-निर्देशक बोनी कपूर की कंपनी मैसर्स बेव्यू प्रोडक्शन और भूटानी ग्रुप को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है। इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के निर्माण के लिए खदान तैयार है और इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्मों के निर्माण के साथ-साथ क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण पर भी बल दिया जाएगा। यहां स्थानीय निर्माता-निर्देशकों को फिल्म निर्माण से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

खासियतें:
यमुना फिल्म सिटी में शूटिंग के लिए विभिन्न राज्यों की मुख्य ऐतिहासिक धरोहरों और पर्यटन स्थलों के मॉडल बनाए जाएंगे, जैसे कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और महाराष्ट्र। यमुना फिल्म सिटी की स्थापना के नौवें वर्ष से यमुना प्राधिकरण को राजस्व मिलना शुरू हो जाएगा और इसे यीडा सिटी सेक्टर-21 में 1000 एकड़ जमीन के लिए आरक्षित किया गया है। तीन वर्षों में प्रथम चरण में 230 एकड़ का विकास होगा।

You May Also Like